पत्रकार अमृतेश्वर सिंह की क़लम से:-
दशकों तक राज करने वाली कांग्रेस ने आदिवासियों के साथ न्याय नहीं किया लेकिन नरेंद्र मोदी ने ओडिसा की आदिवासी बहन द्रोपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च सम्मान का पद दिया। द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर मोदी ने आदिवासी समाज की यथोचित सम्मान दिया। ओडिसा वासियों के लिए यह गर्व का विषय है।
ओडिसा की सभाओं में लग रहे नारे... एति ओती चारो कोति ओपी..ओपी....
रंगाली की चुनावी सभा में प्रवेश करते ही यूवाओ महिलाओ ने ओपी चौधरी जिंदाबाद के नारे लगाए । ओपी के स्वागत हेतु खड़ी भीड़ ओपी के आगमन पर जिंदाबाद के नारे लगाने लगी।ओडिसा के स्थानीय नेताओं में भी ओपी के साथ मंच साझा करने एवम फोटो खिंचाने की होड़ मची रही। एकत्रित भीड़ भी ओपी चौधरी को सुनने के लिए उत्सुक नजर आई। महिलाओ में भी ओपी को लेकर खासा उत्साह रहा।
ओडिसा की जनता के दिल में मोदी प्रेम जगाने में कामयाब रहे ओपी
ओडिसा में धुआंधार प्रचार के दौरान ओपी एक ओर सामाजिक संस्थाओं बुद्धिजीवियों युवाओ से संवाद स्थापित कर 2047 के भारत हेतु मोदी का विजन बताकर बड़े वर्ग को भाजपा के पक्ष में करने में कामयाब हो रहे है वही दूसरी ओर बीजेडी सरकार पर हमलावर ओपी ओडिसा की महिलाओ को महतारी वंदन योजना की तर्ज पर सुभद्रा योजना का लाभ समझाने में सफल रहे। चुनावी सभाओं में ओपी चौधरी को लेकर महिलाओ यूवाओ में खासा उत्साह बरकरार है। कलेक्टर से नेता बने ओपी को देखने व सुनने ओडिसा की जनता उत्सुक नजर आ रही यही वजह है कि ओडिसा चुनाव प्रचार हेतु हर तरफ ओपी चौधरी की मांग है। प्रभाव पूर्ण तरीके से ओजस्वी एवम प्रभाव पूर्ण वक्ता ओपी ओडिसा के जनमानस में मोदी प्रेम जगाने में सफल रहे।
इनकी रही मौजूदगी
डिग्री लाल साहू,शशिकांत शर्मा, शुक लाल चौहान, भोला साहू, विजय सिंह, शैलेश माली, संतोष साहू, प्रदीप शृंगि, पप्पू भाई, श्रीकांत त्रिपाठी, जयंत प्रधान, जितेंद्र बेहरा, विजय मिश्र, संतोष साहू ऐश अग्रवाल शैलेश माली प्रशांत सिंह पप्पू यादव।