कावर्धा हिंसा: सरकार की नाकामी और अमानवीयता का खुलासा*
पत्रकार अमृतेश्वर सिंह की क़लम से:-
यह घटना प्रदेश की कानून-व्यवस्था की पूरी तरह से नाकामी को उजागर करती है। कावर्धा में एक परिवार का घर जलाकर राख कर दिया गया, एसपी अभिषेक पलाव पर बर्बर हमला किया गया, और सरकार एकदम चुप है। 80 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन असली दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
यह भी गौरतलब है कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री, खुद उपमुख्यमंत्री हैं, के गृहक्षेत्र में यह गंभीर घटना हुई है। मौजूदा भाजपा सांसद ब्रिजमोहन अग्रवाल ने इस घातक घटना की निंदा करने की बजाय हमें अशांति फैलाने का दोषी ठहराया है। उनके बजाय उन्हें इस घटना के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और सरकार से सही कार्रवाई की मांग करनी चाहिए।
भाजपा और मुख्यमंत्री को इस शर्मनाक व्यवस्था पर सख्त शर्म आनी चाहिए। यह एक क्रूर और निर्दयी अमानवीयता की पराकाष्ठा है। हम इस कृत्य की घोर निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि सरकार तुरंत सख्त कदम उठाए और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाए। यह प्रदेश की जनता की आवाज है और हम इसे सुनने के लिए मजबूर करेंगे।