पत्रकार अमृतेश्वर सिंह की क़लम से:-
रायपुर प्रेस क्लब में नारद जयंती समारोह का आयोजन
मौजूदा दौर की पत्रकारिता पर हुआ विमर्श
रायपुर। स्व. मधुकर खेर स्मृति भवन, रायपुर प्रेस क्लब में नारद जयंती के अवसर पर मौजदा दौर की पत्रकारिता पर विमर्श किया गया। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा मुख्य वक्ता के रुप में शामिल हुए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पत्रिका के स्थानीय संपादक प्रदीप जोशी, न्यूज 24 व लल्लूराम डॉट कॉम के संपादक मनोज बघेल एवं वरिष्ठ फोटो पत्रकार विनय शर्मा मौजूद रहे।
इस मौके पर रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने अपने स्वागत उद्बोधन में मौजूदा पत्रकारिता की चुनौतियों और संभावनाओं के साथ ही एक पत्रकार के रुप में नारद की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा मौजूदा दौर में सूचनाओं की भीड़ में सही-गलत खबर को जानना- समझना सबसे बड़ी चुनौती है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने अपने उद्बोधन में पत्रकारिता के मूल्यों की बातें की। उन्होंने कहा, मैंने पत्रकारिता में चार आदर्श सीखे हैं, सज्जनता, निर्भयता, सत्यान्वेषण और मानवीय संवेदना। शर्मा ने याद करते हुए बताया कि उनकी पत्रकारिता रायपुर से ही शुरू हुई और उन्होंने उस दौर में पत्रकारिता सीखी जब आपको पत्रकारिता में परिपक्व और कुशल बनाने के लिए आपका लिखा फाड़कर कूड़े में डाल दिया जाता था, महीनों-महीनों प्रूफ रीडिंग का काम दिया जाता था। वे कहते हैं, पत्रकारिता जीवन का संस्कार है, दृष्टि है। सभी पत्रकार समाज के विनम्र सेवक हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पत्रकार की पॉलिटिकल लाइन होनी चाहिए, पार्टी लाइन नहीं। पत्रकारिता के माध्यम से ऐसा सच बोलना, लिखना, दिखाना चाहिए जो जनहितकारी हो।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि मनोज बघेल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज सूचनाओं का बेतहाशा प्रवाह है। कई बार भ्रांतियां फैलती हैं। व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की सूचनाओं को परखने की आवश्यकता है न कि सीधे भरोसा करने की। उन्होंने मौजूदा दौर की पत्रकारिता की चुनौतियों पर भी बात की और कहा कि अब टीआरपी के लिए पत्रकारिता हो रही है। अब दर्शक भी खेल, विरासत, संस्कृति जैसे विषयों के देखना-पढ़ना नहीं चाहते! आज हमारे बीच रियल टाइम पत्रकारिता की चुनौती है, लेकिन इन सबके बीच हमें पत्रकारिता के मूल्यों के साथ कार्य करना है।
पत्रिका के स्थानीय संपादक प्रदीप जोशी ने अखबार की पत्रकारिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा जब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आया तो लगा कि प्रिंट मीडिया अब समाप्त हो जाएगा लेकिन आज हम सोशल मीडिया के युग में हैं। सोशल मीडिया में कोई सूचना, जानकारी या लेख टाइमलाइन में गायब हो जाती हैं, लोगों को स्क्रोल कर-कर के ढूंढना पड़ता है, लेकिन अखबार सुबह से शाम तक टेबल पर रहता है और कोर्ट में जरुर दस्तावेज के तौर पर आज भी प्रासंगिक है। वे कहते हैं नारद मन की गति से चलते थे, आज पत्रकारिता में मनमर्जी की गति भी देखी जाती है, लेकिन हमें याद रखना होगा कि कॉर्पोरेट युग में पत्रकारिता करना चुनौती तो है लेकिन पत्रकारिता के मूल्य भी सर्वोपरि होने चाहिए।
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार कौशल किशोर मिश्र ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकार कुल है जिसे अपने हित के लिए बेहतर कार्य करने चाहिए। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का आभार जताते हुए महासचिव वैभव शिव पांडे ने कहा आज पत्रकारिता में वरिष्ठों और नए पत्रकारों के बीच की खाई कम करना भी आवश्यक है, ताकि नयी पीढ़ी पत्रकारिता के अनुभव उनसे सीख सके और रायपुर प्रेस क्लब वरिष्ठ पत्रकारों का मार्गदर्शन लेने ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित करेगा।
इस अवसर पर रायपुर प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी, कार्यकारिणी सदस्य भावना झा, नदीम मेनन, पराग मिश्रा सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।