पत्रकार अमृतेश्वर सिंह की क़लम से:-
बच्चो का भविष्य किताबें कबाड़ में मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है,,
कुछ दिन पहले हमने एक किताब गलाने वाली फैक्ट्री में किताबों का पहाड़ देखा था ,,
किताबों को रद्दी बना दिया गया, उन्ही किताबों को रद्दी के भाव में स्कूल शिक्षा विभाग ने बेच दिया था ,,
आज सुचना मिलने पर हमने अभनपुर विकास खंड के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में पहुंचे तो हमने देखा की यहां बच्चों को किताबें बांटने के बजाय उसे गोदाम में रखकर खराब किया जा रहा है और बाद में इन्ही किताबों को रद्दी में कौड़ियों के दाम पर बेच दिया जाएगा ,
बच्चो के भविष्य को सावरने वाली इन किताबों को कैसे रद्दी बनाया जाता है ये देखिए...