पत्रकार अमृतेश्वर सिंह की क़लम से:-
एकदशक से बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का रहा अभाव स्थानीय रहवासी अपने परिजनों पर हुए घटनाक्रम को साझा किया ,रात सोते पर सुबह उठने का कोई भरोसा नहीं, नक्सलियों के हिंसा में कई ने हाथ, पैर, आंखें गवा दी बुजुर्ग पिता के सामने जवान बेटे की कुल्हाड़ी से मारकर निर्मम हत्या परिजनों ने बताया आपबीती...
रायपुर-राजधानी के प्रेस क्लब में रूबरू कार्यक्रम पत्रकारो के बीच अपनी पीड़ा समस्या को साझा किया बस्तर शांति समिति ने छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक की यात्रा पर गए 50 से अधिक नक्सल पीड़ित बस्तर रहवासियों ने अपनी समस्या अपनी आप बीती अपनी पीड़ा राष्ट्रपति से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री तक पहुंचाई और छत्तीसगढ़ के बस्तर की वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया। पीड़ित बस्तर वासी जेएनयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस में भी पहुंचे जहां उन्होंने पढ़ने वाले विद्यार्थियों से किया संवाद।छत्तीसगढ़ का बस्तर दशकों से नक्सल समस्या से पीड़ित है और अपनी पीड़ा को लेकर दिल्ली से रायपुर लौटे पीड़ितों ने आज रायपुर राजधानी के प्रेस क्लब में रूबरू कार्यक्रम के लिए प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने आमंत्रित किया इस दौरान पीड़ितों ने अपनी दिल्ली यात्रा के बारे में पत्रकारों जानकारी दी और कहा कि नक्सली पीड़ितों ने बताया कि दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने 19 सितंबर को जंतर मंतर में मौन प्रदर्शन किया था नक्सल समस्या से पीड़ित जनों ने बस्तर में शांति स्थापना की मांग किए थे। प्रेस वार्ता में बताया कि जंतर मंतर से निकलने के पश्चात पूरे प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की उनके साथ बैठकर अपनी व्यथा सुनाई। आश्वासन दिया कि 2026 तक पूरी तरह से नक्सल समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
नक्सल पीड़ितों ने बताया कि 21 सितंबर को ही हम दिल्ली यूनिवर्सिटी भी गये थे। वहां हमने मीडिया से चर्चा की, साथ ही अर्बन नक्सलियों को भी ललकारा और उन्हें कहा कि नक्सलवाद तो जल्द ही खत्म हो जाएगा, लेकिन अर्बन नक्सली यदि नहीं सुधरे, तो उनका वास्तविक चेहरा पूरा देश देखेगा। नक्सली पीड़ितों ने रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से अपनी आपबीती साझा किया और विश्वास व्यक्त किया कि बस्तर में पुनः शांति स्थापित होगी। सभी बस्तर वासी शांति पूर्ण जीवन फिर से जी सकेंगे।